...अब सुनिए अपने मस्तिष्‍क का संगीत।

...अब सुनिए अपने मस्तिष्‍क का संगीत।

 
दोस्तो, हम इस दुनिया में विज्ञान के चमत्कारों के बारे में न सिर्फ सुनते और देखते है बल्कि उनको अपने जीवन में उपयोग भी करते है. आज के समय में विज्ञान ने जितनी तरक्की की है शायद ही किसी और क्षेत्र में इतनी तरक्की हुयी हो. विज्ञान और कला दोनों अलग अलग क्षेत्र है और मानव जीवन में दोनों का अपना अपना विशेष महत्व है जिसको की नाकारा नहीं जा सकता विज्ञान और कला दोनों की अलग अलग दुनिया है दोनों के रास्ते अलग अलग है. ये दोनों किन्ही शक्तियों से कम नहीं है और जरा सोचिये की अगर इन दोनों शक्तियों को मिलाकार कोई नयी तकनीक बनायीं जाए तो उसका अपना एक अलग ही महत्त्व होगा आज के समय में कुछ वैज्ञानिक ऐसी ही कुछ तकनीको पर काम कर रहे है जो की काफी रोचक है. 
रोबोटिक्स और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में की गयी अधिकतर रीसर्च ऐसी ही है जिनमे कला और विज्ञान दोनों का उपयोग है. जैसे की रोबोट द्वारा गाना गाना, रोबोटिक में भावनाओं को समझने की दिशा में काम चल रहा है. ऐसे ही एक तकनीकी सिस्टम को विकसित किया है "University of Electronic Science and Technology, Chengdu, China" के वैज्ञानिक JING HU ने जो की हमारे मष्तिस्क की ब्रेन की तरंगो को म्यूजिक में बदलता है जिसको हम सुन सकते है वैज्ञानिको का कहना है की ब्रेन म्यूजिक की मदद से हम अपने मष्तिस्क की तरंगो को कंट्रोल कर सकते हैं, अक्सर हमारे जीवन ऐसी स्थितियाँ आती है जैसे की गुस्सा आना, अत्यधिक उत्साह, निराश होना, घबराहट और डर इन में हम ब्रेन म्यूजिक की हेल्प से इन पर काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं.
उपरोक्त सिस्टम में 2 अलग अलग तकनीको का प्रयोग किया गया है- 
1. Electro encephalo graphy (EEG) जो की ब्रेन तरंगो को कंपोज़ करती है ये तकनीक हमारे मष्तिस्क और खोपड़ी की सभी किर्याओ को रिकॉर्ड करके उनको इलेक्ट्रिक सिग्नल में बदलती है (ठीक उसी तरह जैसा की आप हॉस्पिटल में मरीज के बेड के पीछे लगी इलेक्ट्रॉनिक यन्त्र में उस मरीज के हिर्दय की धडकनों की गति का ग्राफ देखते हो ). बाद में एक विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से इन इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलों को म्यूजिक नोट्स में बदला जाता है और उनको प्ले किया जाता है इसे आप कुछ इस तरह समझ सकते है जैसे की आपके मोबाइल में जमा रिंगटोन को आप प्ले करते हो असल में मोबाइल में जमा हर रिंगटोन का एक विशेष डाटा होता है जिसको आप मोबाइल में देख भी सकते हो और आपके मोबाइल का सॉफ्टवेयर रिंगटोन के उस डाटा को पढकर उसके फॉर्मेट के अनुसार प्ले करता है जिसको आप सुन पाते हो.
 
2. इस सिस्टम में प्रयोग होने वाली दूसरी तकनीक है Functional Magnetic Resonance Imaging or MRI, जो की अत्यंत ही महत्वपूरण है जिसकी मदद से ब्रेन तरंगो को कंट्रोल किया जा सकता है. ये तकनीक मष्तिस्क में ब्रेन में ब्लड और ऑक्सीजन लेवल के लेवल को मापकर ये पता लगाने में सहायक है कि ब्रेन का कौन सा हिस्सा अधिक ऑक्सीजन नेटेड और एक्टिव है और कौन सा हिस्सा कम? जिसकी जानकारी से हम उपरोक्त सिस्टम कि मदद से उसको कंट्रोल कर सकते हैं मेडिकल साइंस में बायोफीडबैक थेरेपी (Biofeedback therapy) में मरीज इस सिस्टम कि मदद से ब्रेन क्रियाओं को कंट्रोल कर सकते है. 

अंत में हम ये उम्मीद और दुआ करते है कि ब्रेन तरंगो के म्यूजिक कि मदद से ब्रेन क्रियाओं पर कंट्रोल पाने वाली इस तकनीक का उपयोग सफल और हितकारी साबित होगा. अधिक जानकारी के लिए आप www.asia.cnet.com वेब साईट पर क्लिक करे. University of Electronic Science and Technology, Chengdu, China" की वेब साईट और कुछ अन्य वेब साईट पर भी आप ब्रेन तरंगो के म्यूजिक का विडियो और ऑडियो सुनकर इसका आन्नद ले सकते है. 
Keywords: Brain Music, Brain Waves,  University of Electronic Science and Technology, Jing Hu, Biofeedback therapy, Functional Magnetic Resonance Imaging, UEST, MRI

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